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हत्याकांड से खुले रोंगटे खड़े कर देने वाले राज

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डी के यादव जिला ब्यूरो उमरिया

   उमरिया - अमिलिहा में महीने भर पहले हुए वृद्ध कारोबारी की नृशंस हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। जिला कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू ने बताया कि इस खौफनाक वारदात को चार पेशेवर अपराधियों ने मिलकर अंजाम दिया था। घटना की योजना शहडोल में रची गई और आरोपी पूरी तैयारी के साथ ऑटो में सवार होकर अमिलिहा पहुंचे।पेट्रोल खत्म होने का बहाना बनाकर आरोपियों ने कारोबारी से दरवाजा खुलवाया और मौका मिलते ही उस पर धारदार हथियारों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। शिवदयाल शुक्ला कारोबारी की हत्या के बाद भी निर्दयी बदमाश नही ठहरे,हत्या कर बदमाशों ने 90 वर्षीय मृतक की माँ पर भी हमला किया,जो बाद में चिकित्सकीय इलाज से बच गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक के शरीर पर कुल 34 घाव पाए गए—जो हत्या की बर्बरता को बयां करने के लिए काफी हैं।हत्या के बाद आरोपी घर में लगे सीसीटीवी का डीवीआर, डीटीएच डिवाइस, मृतक का मोबाइल फोन और कीमती जेवर समेटकर मौके से फरार हो गए। वारदात को इस तरह अंजाम दिया गया कि पुलिस को घटनास्थल से कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका, जिससे शुरुआती जांच में काफी अड़चनों का सामना करना पड़ा।एसपी नायडू ने बताया कि मामले की परतें खोलने के लिए सीमावर्ती जिलों के थानों से समन्वय बनाकर सघन जांच की गई। तकनीकी इन्वेस्टिगेशन और जमीनी खुफिया इनपुट के आधार पर आखिरकार पुलिस को बड़ी सफलता मिली और शहडोल निवासी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।गिरफ्तार आरोपियों में विनय उर्फ श्याम किशोर पिता श्याम सुंदर गुप्ता, दीपक पिता बालमुकुंद गुप्ता, अतुल पिता छोटेलाल बर्मन और ऑटो चालक आदित्य पिता आशीष उपाध्याय शामिल हैं। ये सभी अपराध की दुनिया में पहले से सक्रिय और पेशेवर अपराधी बताए जा रहे हैं।इस खुलासे के साथ ही अमिलिहा की जनता ने राहत की सांस ली है, लेकिन घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि संगठित अपराध अब छोटे कस्बों तक भी पहुंच चुका है। पुलिस अब इन आरोपियों के पुराने रिकॉर्ड खंगालने और अन्य संभावित वारदातों की जांच में जुट गई है।

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