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सेवानिवृत्त शिक्षक के मृत्यु पर भी घोटाला परिजन 8 माह तक लेते रहे पेंशन का लाभ फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र लगाकर बैंक को लगाया चूना

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मैहर जिले के अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुकुन्दपुर समीपस्थ ग्राम पंचायत धोबहट के ग्राम धोबहट के मूल निवासी रहे राम निरंजन सिंह पटेल सेवानिवृत्त शिक्षक की मृत्यु 24 अप्रैल 24को हुई थी। जिसका समाचार पत्रों में शोकाकुल प्रकाशित किया गया था।जिनका पेंशन मृतक रामनिरंजन सिंह पटेल के परिजन पेंशन का लाभ उठाते रहे ।शासन और बैंक के नियमानुसार नवम्बर माह में जीवित प्रमाण पत्र जमा करने पड़ते हैं।इस नियम के आधीन इंडियन बैंक शाखा गोबिंदगढ़ के द्वारा जीवित प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया तब मृतक के परिजन बड़े पुत्र जो पेशे से शासकीय शिक्षक हैं जिनके द्वारा समस्त परिजन परिवार से मिलकर 24 नवम्बर 24 की मृत्यु प्रमाण पत्र एडटिंग कर जिला चिकित्सालय सतना का प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर 8 माह का पेंशन घोटाला लगभग 3 लाख 50हजार रुपये के करीब अवैध पेंशन आहरित कर प्रशासन स्तर को नुक़सान पहुंचाया गया है।वहीं एडटिंग फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र एक प्रकरण में न्यायालय नायब तहसीलदार ताला के यहां भी प्रस्तुत की गई है। वहीं मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी के संबंध में जिला चिकित्सालय सतना से जानकारी चाही गई जिस पर जिला चिकित्सालय सतना से लिखित जानकारी दिनांक 15 अप्रैल 25 रिसीप्ट नंबर 25000544 के अनुसार मृतक रामनिरंजन सिंह पटेल की जिला चिकित्सालय सतना में दिनांक 24अक्टूबर 24को न मृत्यु हुई है और न हीं 24अक्टूबर 24को मृत्यु प्रमाण जारी किया गयाहै। इस फर्जी एडिटिंग मृत्यु प्रमाण पत्र और अनुचित उठाये गये पेंशन लाभ के संबंध में अभी तक शासन प्रशासन स्तर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।इसी वजह से प्रशासन शुभचिंतकों के द्वारा पुलिस महानिदेशक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ अन्वेषण ब्यूरो ईओडब्ल्यू और पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त भोपाल के पास शिकायत दर्ज कराई गई है।अब देखना होगा कि कब तक जांच होती है और प्रशासन स्तर का पैसा वापस होता है और एडिटिंग मृत्यु प्रमाण पत्र पर ठोस कार्यवाही कब तक में होती है।

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